The Hundred-branded Ball Controversy: ECB ने विवाद के कारण द हंड्रेड ब्रांड वाली गेंदों को हटाया
इंग्लैंड में खेले जाने वाले लोकप्रिय क्रिकेट टूर्नामेंट “The Hundred” को लेकर एक बड़ा बदलाव किया गया है। ECB (England and Wales Cricket Board) ने आखिरकार उन सफेद कूकाबुरा गेंदों को हटा दिया है, जिनकी वजह से पिछले साल बल्लेबाजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। खिलाड़ियों और क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना था कि इन गेंदों की वजह से स्कोरिंग बहुत कम हो रही थी और पिच पर गेंदबाजों का बोलबाला बना रहता था।
The Hundred 2023
पिछले सीजन (2023) में The Hundred टूर्नामेंट में पुरुष टीमों का औसत 1.37 रन प्रति गेंद था, जो दुनिया की अन्य शॉर्ट-फॉर्म लीग जैसे IPL, SA20 और Major League Cricket के मुकाबले बहुत कम है। जबकि ‘द हंड्रेड’ का फॉर्मेट और भी तेज खेलने के लिए बनाया गया है, लेकिन इसके बावजूद बल्लेबाज खुलकर रन नहीं बना पा रहे थे।
कई खिलाड़ी, जैसे डैनियल वॉरेल और टिम साउदी जैसे न्यू-बॉल स्पेशलिस्ट गेंदबाज, इन गेंदों से काफी सफल हो रहे थे। खिलाड़ियों का कहना था कि गेंद की बनावट कुछ अलग थी, जिससे यह ज्यादा स्विंग और सीम करती थी। खासतौर पर गेंद पर बने बड़े ‘H’ लोगो को लेकर शिकायतें थीं। खिलाड़ियों के मुताबिक, इस लोगो के कारण गेंद पर ज्यादा लेकर (lacquer) लगाना पड़ता था, जिससे गेंद बहुत ‘प्लास्टिक जैसी’ लगती थी। मशहूर ऑलराउंडर Moeen Ali ने कहा था कि, “गेंद की सीम बहुत उभरी हुई लगती है और हर मैच में ऐसा लगता है कि गेंद काफी ज्यादा मूव कर रही है। ज्यादातर टीम्स शुरुआत में ही 30 रन पर 5 विकेट गंवा देती हैं।”
हालांकि, कूकाबुरा कंपनी ने सफाई दी थी कि ये गेंदें बाकी सफेद गेंदों जैसी ही हैं, बस उन पर ‘Hundred’ का लोगो छपा होता है। ECB ने सर्दियों के दौरान इस मामले पर गहराई से रिसर्च करवाई। रिपोर्ट में पाया गया कि गेंदों में बहुत बड़ा अंतर नहीं था, लेकिन फिर भी बॉल-ट्रैकिंग डेटा ने यह दिखाया कि 2022 की तुलना में 2023 में गेंद ज्यादा स्विंग और सीम कर रही थी। हालांकि इसके पीछे वजह पिच की प्रकृति, मौसम और ‘Hundred’ के अनोखे फॉर्मेट को बताया गया। खास बात ये है कि इस फॉर्मेट में गेंदबाज शुरुआती 20 गेंदों में से 15 गेंदें फेंक सकते हैं, जिससे गेंदबाजों को फायदा मिलता है।
इसके बावजूद, खिलाड़ियों की लगातार शिकायतों और खराब फीडबैक को देखते हुए ECB ने फैसला लिया है कि अब 2025 सीजन से ‘Hundred’ में वही गेंदें इस्तेमाल होंगी जो T20 ब्लास्ट टूर्नामेंट में की जाती हैं। उम्मीद की जा रही है कि इससे बल्लेबाजों को थोड़ी राहत मिलेगी और मैच में रन बनाने की गति भी बढ़ेगी।
हालांकि इस बदलाव का असर अब तक दिखाई नहीं दिया। मंगलवार को हुए टूर्नामेंट के ओपनिंग मुकाबले में लंदन स्पिरिट की टीम सिर्फ 80 रन पर ही ऑलआउट हो गई, जहां उन्हें ओवल इनविंसिबल्स के गेंदबाजों ने धीमी और नीची पिच पर दबाव में ला दिया। स्टार गेंदबाज Rashid Khan ने इस मैच में 11 रन देकर 3 विकेट लिए और कहा कि, “ये विकेट बल्लेबाजी के लिए काफी कठिन था।”
यह साफ है कि गेंद में बदलाव भले ही किया गया है, लेकिन जब तक पिच और फॉर्मेट के अन्य पहलुओं पर काम नहीं होगा, तब तक बल्लेबाजों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। ECB की कोशिश है कि खिलाड़ियों को बेहतर अनुभव दिया जाए और दर्शकों को ज्यादा रोमांचक मुकाबले देखने को मिलें।
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Source: espncricinfo