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Karun Nair’s Comeback: एक खोया हुआ हीरो की प्रेरित कहानी।

Karun Nair in Ranji Trophy

क्रिकेट की दुनिया जहाँ तेजी से आगे बढ़ने का अवसर बहुत ही कम होता है। वहीं Karun Nair की कहानी की फिल्मी कहानी से कम नहीं है। एक ऐसी कहानी जिसमे – प्रतिभा, टूटना और पुनः खड़ा होने का साहस हो।

Karun Nair’s Biography:

Karun Nair का जन्म 6 अप्रैल 1991 को जोधपुर में हुआ था। Karun Nair जन्म के साथ ही समस्याओं से झूझने लगे थे। जब वो इस दुनिया में आए तब वह एक प्रीमेच्योर बेबी (समय से पहले जन्मा बच्चा) थे, जिसके कारण उनका फेफड़ा पूर्ण रूप से तैयार नहीं हुआ था। जिससे उन्हे स्पोर्ट्स फील्ड में भेजा गया, न की फेम ओर पैसा के लिए बल्कि उनके सेहत को ध्यान में रखते हुए।

मलयाली परिवार में जन्मे Karun Nair, बैंगलोर में पले-बड़े। जहाँ उन्होंने 10 साल की उम्र में ही क्रिकेट अकैडमी जॉइन कर लिया था, जिसका नाम “Koramangala Cricket Academy” था। स्कूल की पढ़ाई मैनेज करने के साथ साथ Karun Nair क्रिकेट की प्रशिक्षण भी करते रहे जिससे वो जल्द ही टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज बन गए।

Karun Nair’s Domestic Career:

करून ने अपनी क्रिकेट करिअर की शुरुरात 2013-2014 के सीजन रणजी ट्रॉफी से की थी जिसमे Karun Nair ने फाइनल में लगातार तीन सतक मारकर कर्नाटक को जीत हासिल कराने में अहम भूमिका निभाई। 2014-2015 के सीजन में लगातार फॉर्म न रहने के बाद अचानक फाइनल में 328 रन की पारी खेलकर करून ने अपना कम्बैक किया तथा कर्नाटक को पुनः जीत की खिताब दिलाई। वह कर्नाटक के दूसरे ऐसे खिलाड़ी बने जिसने तीन सतक मारा हो। पहला तीसरा सतक रणजी ट्रॉफी 1946-1947 के सीजन में लगा था।

Karun Nair’s Struggle:

करून के तीन सतक के बावजूद भी उन्हे टेस्ट क्रिकेट से ड्रॉप कर दिया गया उनके कुछ कम सकोर के वजह से। क्यूंकी उन्होंने कभी लगातार रन नहीं बनाए। जबकि उनकी जगह औरों को अवसर मिला।

कई साल तक चुप रहने के बाद Karun Nair ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सोशल मीडिया पर फ्रस्ट्रैशन जाहीर करते हुए ट्वीट किया “Dear cricket, give me one more chance”

वहीं IPL में भी करून को स्थायी घर नहीं मिल पाया, कभी वो RCB, RR, Delhi, और कभी Punjab के टीम मे उन्हे भेजा गया। उनके फॉर्म ने भी उनका साथ छोर दिया था और साथ ही लोगों की नजर भी उनसे हट गई।

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Karun Nair’s Life:

करून का जीवन मैदान के बाहर भी फिल्मी से कम नहीं रहा है। 2016 में, वह केरल में एक नाव दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे।

Karun Nair’s Comeback:

करून ने विजय हजारे ट्रॉफी में बिना आउट हुए 542 रन बनाए- जो एक विश्व रिकॉर्ड है। इस प्रदर्शन ने उनकी प्रतिभा में फिर से दिलचस्पी जगाई और उन्हें आईपीएल 2025 के लिए दिल्ली कैपिटल्स ने चुना। मुंबई के खिलाफ, करून ने शानदार 89 रन बनाकर सभी को अपनी प्रतिभा की याद दिला दी और इस बार, करुण पहले से कहीं ज़्यादा दृढ़ निश्चयी नज़र आ रहे हैं।

निष्कर्ष

करून की यात्रा एक ऐसी यात्रा है जिससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है – आपको असफलता का सामना करने के लिए धैर्य, दृढ़ता और मानसिक शक्ति की आवश्यकता है। तिसरे शतक की ऊंचाइयों से क्रिकेट में न चुने जाने और अब एक शानदार वापसी तक, करून का करियर जीवन को ही दर्शाता है: समस्याएं कितनी भी हो हार नहीं मानते।

Source: Wikipedia

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